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Friday, May 8, 2020

बैकलिंक क्या है और हाई क्वालिटी बैकलिंक कैसे बनायें?

जब एक बिगिनर ब्लॉग्गिंग के क्षेत्र में कदम रखता है तो उसे ट्रैफिक पाने की बहुत अधिक खवाहिश होटी है और इसीलिए सर्च इंजन ऑप्टिमाइजेशन की जानकारी लेनी शुरू कर देते हैं दरमियान शब्द के बारे में सुनने को मिलता है यानि बैकलिंक क्या है (What is Backlink in Hindi) और हाई क्वालिटी बैकलिंक कैसे बनायें? ये सुनकर बस मन में ये चलता रहता है की आखिर ये बैकलिंक क्या होता है और कितने तरह के होते हैं. इसे बनाना क्यों जरुरी है साथ ही इसके क्या फायदे हैं. अगर बैकलिंक न बनायें तो क्या पोस्ट की रैंकिंग नहीं बढ़ेगी और पोस्ट पहले पेज पर आएंगे या नहीं. एसईओ क्या है और कैसे करते हैं ये जानते हुए भी बहुत वक़्त गुजर जाने के बाद पोस्ट रैंक नहीं करता है इसकी वजह क्या है ये सभी नहीं समझ पाते.
बैकलिंक क्यों जरुरी है इस पोस्ट को  पढ़ते पढ़ते आप अच्छी तरह से समझ जायेंगे क्यूंकि मैं इसे बहुत ही आसान उदाहरण के द्वारा आपको समझाऊंगा. मुझे भी  शुरूआती वक़्त में आप की ही तरह बैकलिंक के बारे में बिलकुल कुछ भी नहीं पता था. धीरे धीरे ब्लॉग्गिंग करते करते मुझे भी अहमियत समझ में आ गयी और ये भी समझ में आ गया की क्वालिटी बैकलिंक का सर्च इंजन ऑप्टिमाइजेशन में क्या रोल है. अगर आपका ब्लॉग नया है तो सिर्फ बहुत अच्छा ऑन पेज एसईओ ही पोस्ट को रैंक कराने के लिए काफी नहीं होता है. नए ब्लॉग को गूगल भी नहीं पहचानता और इस तरह उसे नए ब्लॉग पर ट्रस्ट नहीं होता जिससे बहुत अच्छी क्वालिटी की कंटेंट होने के बावजूद भी पोस्ट रैंक नहीं होती है. लेकिन इसका कारण क्या है ये अगर आप समझ जायेंगे तो बैकलिंक बिल्डिंग किस हद तक करना सही है इसकी अहमियत भी आपको पता चल जायेगा.
मैं यहाँ पर खुद की एक्सपीरियंस शेयर करूँगा और साथ में ये भी बताऊंगा की मैंने बैकलिंक बनाने का पोस्ट में क्या और कितना असर देखा है. इस पोस्ट को मैं ब्लॉग्गिंग के एक साल पूरा होने के बाद ही लिख रहा हूँ क्यों की मैं चाहता था की बैकलिंक के बारे में पूरी जानकारी इकठ्ठा कर लूँ और इसका प्रैक्टिकल प्रभाव भी देख लूँ तभी आपको इसके बारे में बताऊँ ताकि आपको सभी जानकारी काम में आये. चलिए अब जान लेते हैं की बैकलिंक क्या होता है और ये क्यों जरुरी है (What is Backlink in Hindi) इस के अलावा इस बारे में भी बात कर लेते हैं की बैकलिंक कितने तरह के होते हैं और हाई क्वालिटी बैकलिंक कैसे बना सकते हैं.
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बैकलिंक क्या है – What is Backlink in Hindi

backlink kya hai hindi
Backlink को एक तरह से इनकमिंग लिंक या फिर इनबाउंड लिंक भी बोला जाता है. जब हमारी वेबसाइट किसी दूसरे वेबसाइट के साथ एक लिंक की मदद से जुड़ा होता है और उस वेबसाइट से हमारी वेबसाइट में आने का रास्ता देता है तो उसे हम बैकलिंक कहते हैं. आप सभी विकिपीडिया को तो बहुत अच्छे से जानते ही होंगे और शायद आपको ये भी मालूम होगा की आप एक author के रूप में आर्टिकल भी  लिख सकते हैं तो मान लीजिये की आपने एक आर्टिकल वहां पर लिखा है और उसी के refrence के लिए वहां अपने पोस्ट का लिंक दे दिया है और अपने ब्लॉग में same टॉपिक पर पुरे डिटेल में जानकारी दी है तो विकिपीडिया में जो भी रीडर उसे पढ़ने आएगा तो हो सकता है वहां पर छोड़े हुए लिंक से वो रीडर आपकी साइट में भी आ जाये. इस तरह गूगल को ये सिग्नल मिल जाता है की आपकी साइट पर विकिपीडिया से होते हुए ट्रैफिक आ रहा है और आपकी साइट  ट्रस्ट बिल्डअप होगा और रैंकिंग में सुधार भी होने लगेगा.
बैकलिंक एक तरह से नए ब्लॉग की पहचान बनाता है. जब कोई ब्लॉग कई बड़े वेबसाइट से जुड़ा हुआ होता है तो गूगल भी पहचान लेता है  की साइट अच्छी है और बड़े वेबसाइट इस को refer करते हैं. जब भी आप कोई पोस्ट लिखते हैं और उसके लिए बैकलिंक बनाते हैं तो फिर उसे गूगल में रैंक होने में अधिक समय नहीं लगता  वहीँ अगर आप बैकलिंक नहीं बनाते हैं तो पोस्ट रैंक करने में काफी लम्बा समय गुजर जाता है.
आपने इसी तरह के कई अच्छी और रेप्यूटेड वेबसाइट का नाम सुना होगा जैसे Quora, reddit, इत्यादि. इन सभी वेबसाइट की रैंकिंग और रेप्युटेशन बहुत अच्छा होता है लेकिन इन के अलावा भी बहुत सारी वेबसाइट हैं जिन्हे अच्छी वेबसाइट के नाम में शुमार किया जाता है और जहाँ से आप क्वालिटी बैकलिंक प्राप्त कर सकते हैं.
  ब्लॉग्गिंग में हम अपने ब्लॉग के माध्यम से लोगों को जानकारी या फिर सेवा देते हैं. लेकिन इसके लिए लोगों तक पहुंचना भी तो जरुरी है जिस में अहम् किरदार SEO का होता है. मतलब की बिना SEO के हमारा ब्लॉग लोगों तक नहीं पहुंच सकता है. गूगल ही वो सर्च इंजन है जिसका इस्तेमाल सबसे अधिक होता है और लोग इसी के माध्यम  जानकारी के बारे में सर्च करते हैं. अब यहाँ गूगल उन वेबसाइट को  पेज पर रखता है जिनका SEO  बहुत अच्छा होता है और जिनका कंटेंट बहुत अच्छा होता है और समय के साथ जानकारी अपडेट करते है वो हमेशा पहले पेज पर बने रहते हैं. लेकिन नयी वेबसाइट के साथ ऐसा नहीं है क्यूंकि गूगल के लिए ब्लॉग का ट्रस्ट लेवल कुछ नहीं होता और डोमेन ऑथोरिटी भी बिलकुल ना के बराबर होती है.  इस कंडीशन में एक ही तरीका है जिससे हम अपने ब्लॉग की डोमेन ऑथोरिटी बढ़ा सकता है जिससे गूगल हमारी ब्लॉग पर ट्रस्ट करता है. वो तरीका है बैकलिंक का बनाना.
चलिए बैकलिंक के महत्व को एक उदाहरण द्वारा समझते हैं. मान लीजिये आप किसी नए शहर में गए हैं और वहां पर आपको कोई नहीं जानता है. आप बे अक्सर देखा  होगा की लोग नयी जगह पर जाकर पार्टी देते हैं और उस शहर के बड़े लोगों को इनविटेशन देकर बुलाते हैं. वो ऐसा क्यों करते हैं आप ही बताइये? आपका जवाब होगा की वो लोगों से लिंक बनाने के लिए बुलाते हैं. अब अगर  आये हुए 50 में से 5 पावरफुल लोगों के साथ भी आप की अच्छी जान पहचान हो जाएगी तो आपकी वैल्यू भी शहर में  बढ़ जाएगी और उनकी वजह से आपके भी बहुत सारे काम  होने लगेंगे.  उनसे जुड़ने के बाद उनके रिफरेन्स से सभी लोग आप पर भी भरोसा करेंगे. ठीक इसी तरह ब्लॉग में बैकलिंक काम करता है.
इसके अलावा अगर आपकी जान पहचान किसी बड़े मंत्री से हो जाती है तो भी आपके काम चुटकियों में हो जाते हैं क्यों की वो मंत्री पावरफुल है और उसी की वजह से आपको भी लोग जानेंगे की ये मंत्री के जान पहचान का है और आपका काम कर देते हैं.यही काम होता है जब आपके ब्लॉग का लिंक किसी अच्छे  वेबसाइट में होता है तो गूगल के bots उस पावरफुल वेबसाइट में मौजूद आपके बैकलिंक को पहचान लेते हैं और रैंकिंग को बढ़ाते हैं.

बैकलिंक के प्रकार – types of backlink in hindi

अगर मोटा मोटी कहा जाए तो बैकलिंक 2 तरह के होते हैं.

No Follow link 

जब एक  वेबसाइट किसी दूसरे वेबसाइट से link करता है तो अगर उनके link के बीच nofollow tag होता है इस में link juice paas नहीं होता है. अगर सच कहूं तो Nofollow link आपके ब्लॉग को रैंक करने में किसी तरह की मदद नहीं करते हैं. गूगल और दूसरे सर्च की नज़र में Nofollow link किसी तरह की अहमियत नहीं होती है. जब गूगल के bots Nofollow link को चेक करते हैं तो उस में उन्हें Nofollow relation दिखाई देता और  से वो उस link को ignore कर देते हैं और उन्हें follow नहीं करते हैं. इसी वजह से इस में से link juice pass नहीं होता है.

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